Saturday, March 2, 2013

HPTET : सरकार ने रखी शर्त, हजारों टीचर्स को भी देनी होगी 'परीक्षा' 


HPTET : सरकार ने रखी शर्त, हजारों टीचर्स को भी देनी होगी 'परीक्षा'

शिमला। प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में सेवाएं दे रहे 3482 प्राथमिक सहायक अध्यापकों (पैट) के नियमितिकरण पर तलवार लटक गई है। नए भर्ती-पदोन्नति नियमों के अनुसार अब इन्हें टीचर्स एलिजीबिलिटी टेस्ट (टीईटी) पास करना होगा। इन्हें प्रशिक्षण देने का काम पूरा हो चुका है। 

प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक एचआर शर्मा के अनुसार आरटीई एक्ट के अनुसार टीईटी परीक्षा पास करना जरूरी है। यह शर्त पैट पर भी लागू होगी। केंद्रीय कानून होने के कारण प्रदेश स्तर पर इसमें संशोधन नहीं किया जा सकता। यदि केंद्रीय मंत्रालय नियमों में छूट दे, तो पैट शिक्षकों को राहत मिल सकती है।

इसी माह पूरा किया था 52 दिन का प्रशिक्षण

सरकार ने पैट शिक्षकों को 52 दिन का प्रशिक्षण दिया है। यह प्रशिक्षण इसी माह पूरा हुआ है। इससे पैट शिक्षकों को जेबीटी के पद पर तैनाती दी जा सकती है। हालांकि, नए नियमों के शिक्षकों को अब टीईटी परीक्षा को पास करना होगा।

आरटीई एक्ट से परेशानी

आरटीई एक्ट के अमल में आने से अब शिक्षकों को टीईटी परीक्षा पास करनी होगी। यह परीक्षा पैट शिक्षकों को भी देनी होगी। पैट को इससे तभी छूट मिल सकती है, जब प्रदेश सरकार इस मामले को केंद्रीय मंत्रालय से छूट दिलाए।

शिक्षक संघ नाराज, महाधिवेशन में उठाया जाएगा मुद्दा

हिमाचल प्रदेश प्राथमिक सहायक संघ के अध्यक्ष सुनील चौहान के अनुसार शिक्षक 52 दिन की ट्रेनिंग पूरी कर चुके हैं। पूर्व सरकार ने 1400 शिक्षकों को तो नियमित किया था, लेकिन कांग्रेस शासनकाल में लगे 3482 शिक्षकों को इससे अलग रखा गया। जब उनकी भर्ती हुई थी, तो उस समय आरएंडपी रूल अलग थे। ऐसे में उन पर टीईटी की शर्त लागू नहीं होती। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने उनको नियमित करने का आश्वासन दिया है, जिसके लिए संघ जल्द महाधिवेशन का आयोजन करेगा



News Source : भास्कर न्यूज ( Mar 02, 2013, 05:11AM IST)
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After all to make quality in Teachers, Himachal Govt. make TET Qualifications mandatory to get PROMOTION.

However many employee may oppose it due to the fact that their collegues / seniors etc. gets promotion on the basis of seniority. Then why such examination is for them only.And it is new rule for them etc. etc.

Earlier TET is mandatory to become teacher, now a new trend comes to make quality in Education.

I think TET concept comes after success of UGC NET concept.

Recently many organizations make common examination all over India like IBPS implemented - CWE (Common Written Examination ) for Officers and Clerks.

Almost all PSU (HPCL, NTPC, ONGC, SAIL etc.) using GATE Aptitude Examination for screening of Candidates. This examination gives equal chance to all candidates to perform on same platform.

DRDO uses SET ( Scientist Entrance Test). SET exam is designed by IITs in India.

For engineering also, a new concept is coined recently like a common examination which covers IIT and all other engineering colleges. Before this IITs conducts separate exams, CBSE conducts AIEEE and states in India conducts their separate exams. This new concept opposed by IIT Kanpur with a fact that UP Board candidates gets less marks comparing to other Boards. And after this a scaling system adopts to make equality in different Boards.

Therefore India is going slowly in new dimensions of Common Examination system for officers/employees/and other entrances.